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सोमवार, 3 सितंबर 2018

प्रेरक कहानी प्रस्तुति कैलाश संकलेचा


एक बार एक युवक को संघर्ष करते-करते कई वर्ष हो गए लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। वह काफी निराश हो गया, और नकारात्मक विचारों ने उसे घेर लिया। उसने इस कदर उम्मीद खो दी कि आत्महत्या करने का मन बना लिया।
वह जंगल में गया और वह आत्महत्या करने ही जा रहा था कि अचानक एक सन्त ने उसे देख लिया।
सन्त ने उससे कहा- बच्चे क्या बात है, तुम इस घनघोर जंगल में क्या कर रहे हो?
उस युवक ने जवाब दिया- मैं जीवन में संघर्ष करते-करते थक गया हूँ और मैं आत्महत्या करके अपने बेकार जीवन को नष्ट करने आया हूँ। सन्त ने पूछा तुम कितने दिनों से संघर्ष कर रहे हो?