💐💐1. संस्कृत के उपसर्ग :💐💐
💐💐संस्कृत के कुल 21 उपसर्ग होते हैं। ये नीचे दिए गए हैं: 💐💐
💐💐1. अति उपसर्ग : अति का अर्थ होता है ज़्यादा या अधिक।
💐💐उदाहरण : अतीन्द्रिय , अत्युक्ति , अत्युत्तम , अत्यावश्यक , अतीव , अतिकाल , अतिरेक, अत्यधिक, अत्यल्प, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्याचार आदि। 💐💐
💐💐2. अनु उपसर्ग : अनु का अर्थ होता है बाद में या क्रम में।
💐💐उदाहरण : अनुरूप , अनुपात , अनुचर , अनुकरण , अनुसार , अनुशासन, अनुक्रमांक , अनुकंपा , अनुज,अनुशंसा , अन्वय , अन्वीक्षण , अन्वेषण , अनुच्छेद , अनूदित, अनुवाद , अनुस्वार , अनुशीलन , अनुकूल , अनुक्रम , अनुभव आदि। 💐💐
💐💐3. अ उपसर्ग : अ का अर्थ होता है अभाव , अन , निषेध , नहीं , विपरीत।
💐💐 उदाहरण : अथाह , अनाचार , अलौकिक , अस्वीकार , अन्याय , अशोक , अहिंसा , अवगुण , अर्जित, अधर , अपलक , अटल , अमर , अचल , अनाथ , अविश्वास , अधर्म, अचेतन , अज्ञान , अलग , अनजान , अनमोल , अनेक , अनिष्ट , आदि। 💐💐
💐💐4. अप उपसर्ग : अप का अर्थ होता है बुरा , अभाव , विपरीत , हीनता या छोटा।
💐💐उदाहरण : अपव्यय , अपवाद , अपकर्ष , अपहरण , अपप्रयोग , अपशकुन , अपेक्षा, अपयश , अपमान , अपशब्द , अपराध , अपकार , अपकीर्ति , अपभ्रश आदि। 💐💐
💐💐5. अभि उपसर्ग : अभि का अर्थ होता है सामने , पास , ओर , इच्छा प्रकट करना , चारों ओर।
💐💐उदाहरण: अभिनन्दन , अभिलाप , अभीमुख , अभ्युत्थान ,अभियान , अभिसार , अभ्यागत , अभ्यास , अभिशाप ,अभिज्ञान , अभ्यास , अभ्युदय , अभिमान , अभिषेक ,अभिनय , अभिनव , अभिवादन , अभिभाषण , अभियोग , अभिभूत , अभिभावक , अभ्यर्थी , अभीष्ट , अभ्यंतर आदि। 💐💐
💐💐6. उप उपसर्ग : उप का अर्थ होता है निकट , छोटा , सहायक , सद्र्श , गौण , हीनता।
💐💐उदाहरण : उपाध्यक्ष ,उपकूल , उपनिवेश , उपस्थिति , उपासना , उपदिशा , उपवेद , उपनेत्र , उपरांत , उपसंहार , उपकरण , उपकार, उपकार , उपग्रह , उपमंत्री , उपहार , उपदेश , उपवन , उपनाम , उपचार , उपसर्ग , उपयोग , उपभोग , उपभेद , उपयुक्त , उपेक्षा , उपाधि आदि। 💐💐
💐💐7. अधि उपसर्ग : अधि का अर्थ होता है श्रेष्ठ , प्रधान , ऊपर , सामीप्य।
💐💐उदाहरण : अधिराज , अध्यात्म , अध्यक्ष , अधिनियम , अधिमास , अधिकृत , अधिक्षण , अध्यादेश , अधीन , अधीक्षक, अधिकार , अधिसूचना , अधिपति , अधिकरण , अधिनायक , अधिमान , अधिपाठक , अधिग्रहण , अधिवक्ता , आधिक्य , अध्धयन , अध्यापन आदि। 💐💐
💐💐8. आ उपसर्ग : आ का अर्थ होता है ओर , सीमा , तक , से , समेत।
💐💐उदाहरण : आकाश , आरम्भ , आमुख , आरोहण , आजन्म , आयात, आगमन , आजीवन , आमरण , आचरण ,आलेख , आहार , आकर्षण , आकर , आकार , आभार , आशंका , आवेश , आरक्त , आदान , आक्रमण , आकलन आदि। 💐💐
💐💐9. प्रति उपसर्ग : प्रति का अर्थ होता है विरुद्ध , प्रत्येक , सामने , बराबरी , उल्टा , हर एक।
💐💐उदाहरण: प्रतिवर्ष , प्रत्यपर्ण , प्रतिद्वंदी , प्रतिशोध , प्रतिरोधक , प्रतिघात , प्रतिध्वनी, प्रत्याशा , प्रतिकूल , प्रतिकार , प्रतिष्ठा , प्रत्येक , प्रतिहिंसा , प्रतिरूप , प्रतिध्वनी , प्रतिनिधि , प्रतीक्षा , प्रत्युत्तर , प्रतीत , प्रतिक्षण , प्रतिदान , प्रत्यक्ष आदि। 💐💐
💐💐10. उत उपसर्ग : उत का अर्थ होता है श्रेष्ठ , ऊपर , ऊँचा।
💐💐उदाहरण: उन्नति , उदघाटन , उत्तम , उत्पन्न , उत्पत्ति , उत्पीडन , उत्कंडा, उत्तम , उत्कृष्ट , उदय , उद्गम , उत्कर्ष , उत्पल , उल्लेख , उत्साह , उत्पात , उतीर्ण , उभ्दिज्ज, उल्लास , उज्ज्वल , उत्थान आदि। 💐💐
💐💐11. प्र उपसर्ग : प्र का अर्थ होता है आगे , अधिक , ऊपर , यश।
💐💐उदाहरण: र्थी , प्रक्रिया , प्रवाह , प्रख्यात , प्रकाश , प्रकट , प्रगति , प्रपंच , प्रलाप , प्रभुता , प्रपिता , प्रकोप , प्रभु , प्रयास, प्रकृति , प्रमुख ,प्रदान , प्रचार , प्रसार , प्रहार , प्रयत्न , प्रभंजन , प्रपौत्र , प्रारम्भ , प्रोज्जवल , प्रेत , प्राचार्य , प्रयोजक, प्रमाण , प्रयोग , प्रताप , प्रबल आदि। 💐💐
💐💐12. वि उपसर्ग : वि का अर्थ होता है विशिष्ट , भिन्न , हीनता ,असमानता , अभाव।
💐💐उदाहरण: विकास , विधवा , विवाद , विशेष , विस्मरण , विभाग , विकार , विमुख , विनय , विनंती , विफल , विसंगति , विवाह , विभिन्न ,विश्राम, विरोध , विपक्ष , विदेश , विकल , वियोग , विनाश , विराम ,विजय , विज्ञान , विलय , विहार , विख्यात , विधान , व्यवहार , व्यर्थ , व्यायाम , व्यंजन , व्याधि , व्यसन , व्यूह अदि। 💐💐
💐💐13. सह उपसर्ग : सह का अर्थ होता है साथ।
💐💐उदाहरण: सहोदर , सहपाठी , सहगान , सहचर , सहमती , सहयोग , सहमत आदि। 💐💐
💐💐14. पर उपसर्ग : पर का अर्थ होता है अन्य।
💐💐उदाहरण: परदेश , परलोक , पराधीन आदि। 💐💐
💐💐15. सु उपसर्ग : परदेश , परलोक , पराधीन।
💐💐उदाहरण : सुबोध , सुपुत्र ,सुधार , सुगंध , सुगति , सुगन्ध, सुगति, सुबोध, सुयश, सुमन , सुलभ , सुअवसर, सूक्ति ,सुदूर , सुजन , सुशिक्षित , सुपात्र , सुगठित , सुहाग , सुकर्म , सुकृत , सुभाषित , सुकवि , सुरभि आदि। 💐💐
💐💐16. सम उपसर्ग : सम का अर्थ होता है अच्छा , पूर्णता , संयोग , उत्तम , साथ।
💐💐उदाहरण: सम्मान , सम्मेलन ,संकल्प, संचय, सन्तोष, संगठन, संचार , संलग्न , संहार, संशय, संरक्षा ,संकल्प, संग्रह, संन्यास, संस्कार, संरक्षण, संहार , सम्मुख, संग्राम , संभव , संतुष्ट , संचालन , संजय, संताप , संभावना , संयोग , संशोधन आदि। 💐💐
💐💐17. अव उपसर्ग : अव का अर्थ है हीन , बुरा ,अनादर , पतन।
💐💐उदाहरण: अवनति , अवज्ञा , अवधारण, अवगति, अवतार, अवलोकन, अवतरण , अवगत , अवस्था , अवनत , अवसान , अवरोहन , अवगणना , अवकृपा, अवशेष , अवगुण , अवकाश , अवसर आदि। 💐💐
💐💐18. परि उपसर्ग : परि का अर्थ होता है चारों ओर , पास , आसपास।
💐💐उदाहरण: परिमार्जन,परिहार, परिक्रमण, परिभ्रमण, परिधान,परिहास, परिश्रम, परिवर्तन, परीक्षा,पर्याप्त, पर्यटन , पर्यन्त ,परिमित , परिपूर्ण , परिपाक, परिधि, परिवार , परिणाम , पर्यावरण , परिजन , परिक्रम , परिक्रमा , परिपूर्ण आदि। 💐💐
💐💐19. निर उपसर्ग : निर का अर्थ होता है निषेध ,रहित , बिना , बाहर।
💐💐उदाहरण: निराहार, निरक्षर, निरादर, निरहंकार, निरामिष, निर्जर, निर्धन, निर्यात, निर्दोष, निरवलम्ब, नीरोग, नीरस, निरीह, निरीक्षण , निरंजन , निराषा , निर्गुण , निर्भय , निर्वास , निराकरण , निर्वाह , निदोष , निर्जीव , निर्मूल, निर्बल , निर्मल , निर्माण , निर्जन , निरकार , निरपराध आदि। 💐💐
💐💐20. कु उपसर्ग : कु का अर्थ होता है बुरा, हीनता।
💐💐उदाहरण: कुपुत्र , कुरूम , कुकर्म , कुमति ,कुयोग , कुकृत्य ,कुख्यात , कुखेत , कुपात्र , कुकाठ , कपूत , कुढंग आदि। 💐💐
💐💐21. दुर उपसर्ग : दुर का अर्थ होता है कठिन , बुरा , विपरीत ,दुष्ट , हीन।
💐💐उदारहण: दुरभिसंधि, दुर्गुण, दुर्दशा , दुर्घटना, दुर्भावना, दुरुह ,दुरुक्ति , दुर्जन , दुर्गम , दुर्बल , दुर्लभ , दुखद , दुरावस्था , दुर्दमनीय , दुर्भाग्य, दुराशा, दुराग्रह, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग आदि। 💐💐