Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

शनिवार, 18 अप्रैल 2020

Shravak ke 14 niyam jain

श्रावक के १४ नियम जो हमें रोज़ लेने चाहिये .....
१. सचित्त :- सचित्त अर्थात जिस पदार्थ में जीव राशि है ।
इसमें सचित पदार्थो के सेवन की दैनिक मर्यादा रखी जाती है।जैसे कच्ची हरी सब्जी , कच्चे फल , नमक , कच्चा पानी, कच्चा पूरा धान आदि का सम्पूर्ण त्याग अथवा इतनी संख्या से अधिक उपयोग नही करूँगा ऐसा नियम करना । ( 3, 5 ,7 आदि )

२ . द्रव्य :- खाने – पीने की वस्तु / द्रव्य की प्रतिदिन मर्यादा रखनी है , इसमें पदार्थो की संख्या का निश्चय किया जाता है ।
भिन्न भिन्न नाम व स्वाद वाली वस्तुएं इतनी संख्या से अधिक खाने के काम में नहीं लूँगा ।
जैसे खिचड़ी , रोटी, दाल, शाक, मिठाई, पापड़, चावल आदि की मर्यादा करना । (11, 15, 21 आदि )

३ . विगई :- अभक्ष्य विगई , मदिरा , मांस , शहद और मक्खन इनका सर्वथा त्याग होना ही चाहिए ।
भक्ष्य विगई : - प्रतिदिन तेल घी दूध दही शक्कर / गुड तथा घी या तेल में तली हुयी वस्तु ये छः विगई है ।
इनका यथाशक्ति त्याग करना या रोज कम से कम 1 विगई त्याग करना ।

४. उपानह :- जूता, मोजा, चप्पल, आदि पाँव में पहनने की चीजो की मर्यादा रखें । ( 3, 5 ,7 आदि )

५.तम्बोल :- मुखवास के योग्य पदार्थों , पान, सुपारी, खटाई, इलायची आदि का त्याग करना या दैनिक के लिए परिमाण रखना । ( 3, 5 ,7 आदि )

६. वत्थ :- पहनने, ओढ़ने के वस्त्रों की दैनिक मर्यादा रखना । ( 5 ,10, 15, 20 आदि )
आज में ..... संख्या में वस्त्रों को अपने शरीर पर धारण करूँगा , इससे अधिक वस्त्रों को नहीं पहनूंगा ।

७. कुसुम :- पुष्प, तेल, इत्र, अगरबत्ती आदि सुगंधित पदार्थों का दैनिक मर्यादा रखना । ( 3, 5 ,7 आदि )

८. वाहन :- रिक्शा, स्कूटर, कार, बस, ट्रेन आदि का दैनिक उपयोग या मर्यादा करें । ( 3, 5 ,7 आदि )
९. शयन :- शय्या, आसन, कुर्सी, बिछोना, पलंग आदि का प्रमाण करना ( 5 ,10, 15 आदि )

१०. विलेपन :- केसर, चन्दन, उबटन, साबुन, तेल, क्रीम, पाउडर आदि का प्रमाण करें । ( 3, 5 ,7 आदि )

११. ब्रह्मचर्य :- परस्त्री का सर्वथा त्याग , स्वस्त्री के साथ मर्यादा का संकल्प करें ।

१२. दिशा :- दश दिशाओ में अथवा एक दिशा में इतने कि. मी. से अधिक दूर जाने की सीमा निश्चित करना । (50 या 100 किलोमीटर )

१३. स्नान :- श्रावक प्रतिदिन स्नान, हाथ पैर धोने की, जल की मर्यादा संख्या की मर्यादा रखना । (1 या 2 स्नान, 2 बाल्टी पानी से अधिक का त्याग)

१४.भत्त नियम :- प्रतिदिन अन्न पानी आदि चारो आहारों का तोल रखना । (रात्रिभोजन का त्याग, दिन में 2, 3 बार आदि)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें