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सोमवार, 4 मई 2020

Lyrics Aankh mari ughade to Shankheshwar


shankheshwar
आंख मारी उघडे तो शंखेश्वर देखुं
मंदिर मां बैठा मारा पारसनाथ देखुं।
पारसनाथ देखुं तो मन हरखातुं
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।1।।
अंतर नी आंखों थी दर्शन करतां
नयणा अमारा निशदिन ठरता
तारी रे मूरतिए मारू मन ललचाणुं
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।2।।

नवण करावी ने अंतर पखालुं
केसर चढावी ने मारा कर्मो ने बालूं
चंदन चढावी मन ने शीतल बनावूं
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।3।।
पूष्पों नी माला कंठे चढावूं
विध विध पूष्पों नी आंगीयो रचावूं
नित नित नवला पूजन करावूं
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।4।।
सोना रूपा ना फूलडे वधावूं
अंतर थी तारी आरती उतारू
भव भव मांगूं शरणू तारु
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।5।।
निशदिन तारा गुणला हुं गावुं
शिवमस्तु सर्व नी भावना हुं भावूं
ज्यारे ज्यारे याद करूं तुझ ने हुं देखूं
धन्य धन्य जीवन मारुं कृपा एवि लेखुं।।6।।

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