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सोमवार, 4 मई 2020

शान्ति जिन चैत्यवंदन

श्री शान्ति जिन चैत्यवंदन

shantinath prabhu Hastinapur

सोलमा जिनवर शान्तिनाथ, सेवो शिरनामी,
कंचन वरण शरीर कांति, अतिशय अभिरामी।।।।।
अचिरा अंगज विश्वसेन, नरपति कुलचंद,
मृग लंछन धर पद कमल, सेवे सुर नर वृन्द ॥2।॥
जगमां अमृत जेहवी ए, जास अखंडित आण,
एक मनें आराधतां, लहिए कोडी कल्याण ॥। 3॥
(खरतरगच्छ साहित्य कोश क्रमांक- 3601)
क्षमाकल्याण कृति संग्रह [ भाग-१]/ 31

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