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सोमवार, 4 मई 2020

Shiddhachal STUTI सिद्धाचल स्तुति

शत्रुंजय गिरी नमिये ऋषभदेव पुण्डरीक।
शुभ तप नी महिमा सुणी गुरुमुख निर्भीक।
शुद्ध मन उपवासे विधि शु चैत्यवंदनीक।
करिये जिन आगल टाली वचन अलीक।।

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